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छत्तीसगढ़ के लिए मेरा समर्पण: अंतिम व्यक्ति तक सेवा और संस्कृति का विस्तार

मैं, वीरेंद्र सिंह तोमर, छत्तीसगढ़ की मिट्टी और संस्कृति से गहराई तक जुड़ा हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस पवित्र भूमि की सेवा का अवसर प्राप्त कर रहा हूं। छत्तीसगढ़ न केवल अपनी प्राकृतिक संपदा और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की संस्कृति और आध्यात्मिकता पूरे देश को प्रेरणा देती है।

छत्तीसगढ़ के लिए मेरा संकल्प

छत्तीसगढ़ की सेवा केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि मेरा धर्म है। मेरा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति, चाहे वह समाज के किसी भी वर्ग से हो, छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में शामिल हो और अपनी पहचान बनाए।

1.    अंतिम व्यक्ति तक सेवा:
मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि विकास तब तक अधूरा है, जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति तक उसकी रोशनी न पहुंचे।

     हर गरीब और जरूरतमंद को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार की सुविधाएं प्रदान करना मेरी प्राथमिकता है।

     नि:शुल्क चिकित्सा शिविर और कन्या विवाह जैसी योजनाओं को छत्तीसगढ़ के हर कोने तक ले जाने का संकल्प है।

2.    किसानों और मजदूरों का सशक्तिकरण:
छत्तीसगढ़ की पहचान यहां के मेहनती किसान और मजदूर हैं।

     उन्हें आधुनिक कृषि तकनीक और संसाधन उपलब्ध कराना।

     उनकी आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं लागू करना मेरा मुख्य उद्देश्य है।

3.    महिलाओं और युवाओं का उत्थान:

     महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास करूंगा।

     युवाओं को प्रेरित करूंगा कि वे अपने सपनों को साकार करें और छत्तीसगढ़ के विकास में योगदान दें।

खारुन गंगा महाआरती: संस्कृति और अध्यात्म का संगम

छत्तीसगढ़ की संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर को विश्व पटल पर ले जाने के लिए खारुन गंगा महाआरती एक महत्वपूर्ण पहल है।

     यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित करने का एक प्रयास है।

     इस आरती के माध्यम से छत्तीसगढ़ की पहचान को मजबूत करना और इसकी आध्यात्मिकता को जन-जन तक पहुंचाना मेरा उद्देश्य है।

     मेरा सपना है कि यह आयोजन बनारस की गंगा आरती की तरह विश्व विख्यात हो और छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान दे।

अंतिम व्यक्ति तक पहुंच: मेरा लक्ष्य

छत्तीसगढ़ के विकास की परिभाषा तब तक अधूरी है, जब तक यह समाज के अंतिम व्यक्ति तक न पहुंचे।

छत्तीसगढ़ मेरी मातृभूमि है, और इसकी सेवा करना मेरे जीवन का उद्देश्य है। मेरा प्रयास रहेगा कि:

     छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संरक्षित रखते हुए इसे विकास के नए आयाम तक ले जाऊं।

     समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए योजनाएं बनाऊं और उन्हें लागू करूं।

     खारुन गंगा महाआरती जैसे आयोजनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की पहचान को और मजबूत करूं।

मैं आप सभी से अपील करता हूं कि छत्तीसगढ़ को एक उन्नत और समृद्ध राज्य बनाने में मेरा साथ दें।
जय छत्तीसगढ़! जय भारत!