1981 में उत्तरप्रदेश के जिला फ़तेहपुर के खागा तहसील के ग्राम टेसाही में सामान्य किसान परिवार में जन्म।
1990 में 9 वर्ष की आयु में परिवार के साथ रायपुर आगमन। बचपन गरीबी में गुज़रा जिसमें पिताजी से जीवन के हर चरण पर प्रेरणा मिलती रही।
2006 में पिताजी के देहावसान के पश्चात् घर-परिवार की ज़िम्मेदारी उठाई। माँ से निरंतर देश-धर्म के संस्कार एवं समाज के लिए कुछ करने की शिक्षा व प्रेरणा मिलती रही। वर्ष 2007 में शुभ्रा सिंह तोमर जीवन संगिनी बनीं।
पिता का छत्र सर पर से उठ जाने के पश्चात् दो छोटी बहनों और एक छोटे भाई के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए उनकी शिक्षा पूर्ण कराई और विवाह आदि संपन्न कराया। अत्यंत संघर्षपूर्ण जीवन सफ़र तय करते हुए गरीबी में दिन काट कर अथक परिश्रम द्वारा व्यापार खड़ा किया साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों की छोटी-बड़ी निरंतर सेवा भी जारी रही। वर्ष 2009 एवं 2010 में क्रमशः पुत्री एवं पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जिनके नाम क्रमशः अनुभव सिंह तोमर एवं विक्रमादित्य सिंह तोमर हैं।
युवावस्था से ही स्वामी विवेकानंद, मेवाड़ रत्न महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, देश के क्रांति उद्घोषक शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जैसे महापुरुषों के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर प्रेरणा एवं उत्साह के साथ देश व समाज के लिए कुछ कर गुज़रने की ललक के चलते विभिन्न समाज सेवी संस्थानों के साथ देश सेवा के कार्य किये। वर्ष 2016 में इसे विस्तृत रूप देते हुए राष्ट्रीय करणी सेना के छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया, वर्ष 2023 में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का भी पदभार ग्रहण किया, जिसे अद्यतन कुशल रूप से निभाते आ रहे हैं। व्यक्तिगत जीवन हो या संस्थागत दायित्व सदैव देश-धर्म व समाज के लिए कुछ करने की भावना का परिचय अपने कार्यों के माध्यम से देते रहे हैं। सच्चा क्षत्रिय धर्म निभाते हुए राजनीति को परे रखते हुए सेवानीति का मार्ग अपनाकर 36 कौम की समाज की सेवा का कार्य निरंतर जारी रखे हुए हैं। जीवन के विभिन्न पहलुओं में श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान को अपना मार्गदर्शक बनाते हुए वर्तमान में सनातन धर्म के संस्कारों के प्रचार-प्रसार हेतु घर-घर यथार्थ गीता के वितरण का कार्य कर रहे हैं।
हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अक्टूबर 2022 के भव्य छठ महापर्व व्यास तालाब, बीरगांव के आयोजक के रूप में महती भूमिका निभाई तथा वर्तमान में निरंतर प्रतिमाह पूर्णिमा की संध्या पर बनारस की तर्ज पर माँ खारुन गंगा महाआरती का आयोजन रायपुर के महादेव घाट में कर रहे हैं और माँ खारुन गंगा महाआरती महादेव घाट जनसेवा समिति रायपुर छ.ग. के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। वर्ष 2023 के दिसंबर माह में खारुन गंगा महाआरती के वार्षिकोत्सव का सफ़ल आयोजन कराया जिसके संदर्भ में 108 ब्राह्मणों द्वारा महाआरती कराने के 04 विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज कर पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया। ईगो नहीं जागो एवं तोड़ो नहीं जोड़ो का मंत्र लेकर अपने जीवन पथ पर समाज, धर्म, देश व छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा व विकास हेतु पूरे मन से अथक परिश्रम करते हुए सभी को साथ लेकर संगठन द्वारा समाज के भले के लिए कार्य करते रहना व और लोगों को भी इस दिशा में प्रेरित करते हुए उन्हें सामने लाने का कार्य भी अबाध गति से कर रहे हैं।