1981 में उत्तरप्रदेश के जिला फ़तेहपुर के खागा तहसील के ग्राम टेसाही में सामान्य किसान परिवार में जन्म। 1990 में 9 वर्ष की आयु में परिवार के साथ रायपुर आगमन। बचपन गरीबी में गुज़रा जिसमें पिताजी से जीवन के हर चरण पर प्रेरणा मिलती रही।
2006 में पिताजी के देहावसान के पश्चात् घर-परिवार की ज़िम्मेदारी उठाई। माँ से निरंतर देश-धर्म के संस्कार एवं समाज के लिए कुछ करने की शिक्षा व प्रेरणा मिलती रही। अत्यंत संघर्षपूर्ण जीवन सफ़र तय करते हुए गरीबी में दिन काट कर अथक परिश्रम द्वारा व्यापार खड़ा किया साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों की छोटी-बड़ी निरंतर सेवा भी जारी रही।
अगर हमें मानव जीवन मिला है तो मानवता का धर्म निभाना व समाज के हर वर्ग में मानवता की भावना जागृत करना ही व्यक्ति का प्रथमेव उद्देश्य होना चाहिए ऐसा मेरा मानना है।
हमारा यह उद्देश्य है कि हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों के मन में यह भाव जागृत करना कि वे यहां के सनातन संस्कृति में ही पले-बढ़े हैं, इसी भूमि से उन्हें अन्न, वस्त्र एवं आश्रय मिला है|
आपके सक्षम होने की सार्थकता तभी है जब आप किसी की अक्षमता दूर करें इसी विचार के साथ हमारा यह लक्ष्य है कि प्रतिवर्ष 1100 आर्थिक रूप से असक्षम जनों का विवाह संपन्न कराएंगे।
जिस समाज में हमारा जन्म हुआ जिससे हमें जीवन के हर चरण में कुछ न कुछ प्राप्त हुआ उसके प्रति कृतज्ञता रखते हुए उनका उपकार चुकाना सभी का धर्म है|
समाज के लिए सिर्फ़ कुछ करना ही पर्याप्त नहीं वरन् उन्हें स्वयं के लिए कुछ कर पाने योग्य बनाने हेतु प्रेरित करना व सहायता करना भी परम् आवश्यक है|
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विवाह एक ऐसा सामाजिक संस्थान है जिसमें न केवल दो लोग परस्पर जीवन बंधन में बंधते हैं वरन् एक दूसरे के साथ से जीवन जीना सरल भी हो जाता है। परंतु विभिन्न ऐसे जोड़े हैं जिनका आर्थिक अक्षमता व किन्हीं अन्य कारणों से विवाह योग में अड़चन आती रहतीं हैं या विवाह नहीं हो पा रहा है तो ऐसे समस्त सनातनी जोड़ों हेतु वर्ष 2023 से प्रत्येक वर्ष 1100 जोड़ों का सामुहिक विवाह करवाने का हमारा लक्ष्य है। जिसका श्रीगणेश इस वर्ष मई महीने से होना है। अतः आप स्वयं या आपके सम्पर्क में कोई ऐसे व्यक्ति हैं तो कृपया निम्न दिए गए स्थान पर विवाहोच्छुक व्यक्ति (पुरुष/स्त्री) की जानकारी भरकर रजिस्ट्रेशन कराएँ।