राम नवमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्म के रूप में मनाया जाता है, जो अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे। श्रीराम को हिन्दू धर्म में धर्म, मर्यादा, और सत्य का प्रतीक माना जाता है।
श्रीराम का जीवन – एक प्रेरणा
भगवान श्रीराम का सम्पूर्ण जीवन त्याग, तपस्या और आदर्शों से भरा हुआ है। उन्होंने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी भी धर्म के मार्ग से विचलित नहीं हुए।
राम नवमी का आध्यात्मिक महत्व
राम नवमी केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि धार्मिक जागरण का भी अवसर है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं, रामायण का पाठ करते हैं, और मंदिरों में श्रीराम की झांकी सजाई जाती है।
आज के समय में श्रीराम के आदर्शों की आवश्यकता
आज जब समाज में नैतिकता और मर्यादा का ह्रास देखा जा रहा है, श्रीराम का जीवन एक प्रकाश स्तंभ की तरह हमें राह दिखाता है।
मैं, वीरेंद्र सिंह तोमर, इस पावन पर्व पर देशवासियों को राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। आइए, इस दिन हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम समाज में धर्म, सत्य और मर्यादा को स्थापित करेंगे, अपने कर्मों से दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगे, और श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे।